हिंदी साहित्यकार महादेवी वर्मा जी की कविताएं और कुछ तथ्य

हिंदी साहित्यकार महादेवी वर्मा जी की कविताएं और कुछ तथ्य

साहित्यिक हिंदी में बहुत से कवि और कवित्रियों के नाम शामिल हैं लेकिन महादेवी वर्मा का नाम हमेशा दर्ज रहेगा। महादेवी वर्मा जी  सर्वाधिक प्रतिभावना महान कवियित्रियों में एक है। शचीरानी गुर्टू ने भी महादेवी वर्मा को सुसज्जित भाषा का अनुपम उदाहरण माना है। कवि निराला ने महादेवी वर्मा को हिंदी के विशाल मंदिर की सरस्वती भी कहा है। महादेवी वर्मा साहित्य के छायावादी युग के चार स्तंभों में एक थीं और इनकी कई सारी कविताएं फेमस हुई थी। महादेवी वर्मा ने स्वतंत्रता के पहले का भारत देखा है और उसके बाद का भी देखा है। वे उन कवियों में एक थीं जिन्होंने व्यापक समाज  में काम करते हुए भारत के अंदर विद्यमान हाहाकार, रूदन को देखा, परखा और करुण होकर अंधकार करने वाली दृष्टि देने की कोशिश की थी।

महादेवी वर्मा

महादेवी वर्मा ने खड़ी बोली हिंदी की कविता में उस कोमल शब्दावली को चुनकर हिंदी बनाया है। संगीत की जानकारी होने के कारण उनके गीतों का नाद सौन्दर्य और पैनी उक्तियों की व्यंजना शैली बहुत ज्यादा दुर्लभ है। चलिए बताते हैं इनके बारे में कुछ बातें-

  1. 26 मार्च, 1907 में फर्रुखाबाद में जन्मी महादेवी वर्मा को बचपन से ही कविताएं लिखने का शौक था।
  2. महादेवी वर्मा का बाल विवाह हुआ था लेकिन फिर भी उन्हें पूरा जीवन अविवाहित की तरह जीना पड़ा और इस प्रतिभावन कवयित्री और गद्ध लेखिका महादेवी वर्मा को संस्कृत और बांग्ला भाषा का ज्ञान था।
  3. महादेवी वर्मा अध्यापन से अपने कार्यजीवन की शुरुआत की और अंतिम समय में वे प्रयाग महिला विद्यापीठ में प्रधानाचार्या नियुक्त हुई थीं।
  4. महादेवी जी को चित्रकारी और सृजनात्मक जैसी चीजें पसंद थी। उन्हें संगीत बहुत पसंद था और अक्सर वे अपनी कोई ना कोई धुन गुनगुनाया करती थी।
  5. गत शताब्दी की सर्वाधिक लोकप्रिय महिला साहित्यकार के रूप में जीवनभर पूजनीय रही हैं। साल 2007 में उनकी जन्म की शताब्दी मनाई गई थी जिसे बहुत से लोगों ने मनाया।
  6. गूगल ने इस दिन को साल 2018 में गूगल डूडल के माध्यम से मनाया था। महादेवी वर्मा की लोकप्रियता किसी छिपी नहीं है।
  7. कविता और रचनाओं में महादेवी वर्मा का महान योगदान रहा है। उनका निधन 11 सितंबर, 1987 को इलाहाबाद में हुआ था जिसे अब प्रयागराज कहते हैं।

महादेवी वर्मा जी की कविता:

वैसे तो महादेवी वर्मा ने ना जाने कितनी कविताएं, Mahadevi verma poems कहानियां और भी बहुत कुछ लिखा है लेकिन इनकी उन कविताओं में एक ही हम प्रस्तुत करेंगे।

तितली से….

मेह बरसने वाला है।

मेरी खिड़की में आ जा तितली।।

बाहर जब पर होंगे गीले।

धुल जाएँगे रंग सजीले।।

झड़ जाएगा फूल, न तुझको।

बचा सकेगा छोटी तितली।।

खिड़की में तू आ जा तितली।

नन्हे तुझे पकड़ पाएगा।।

डिब्बी में रख ले जाएगा।

फिर किताब में चिपकाएगा।।

मर जाएगी तब तू तितली।

खिड़की में तू छिप जा तितली।।

Author Bio:

यह लेख हमें बेला आहुजा ने भेजा है। बेला आहूजा एक हिंदी content handler और blogger हैं, जिन्हें अपने पाठकों और फॉलोअर्स के लिए Poem, Biography और हिंदी कोट्स आदि रिसाइकिलिंग जैसे विषयों पर लिखना पसंद है। बेला में सबसे जटिल विषय वस्तु को समझने में आसान बनाने की शानदार क्षमता है।

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