Tenaliram story in Hindi - तेनालीराम ने पूरी की इच्छा...

Tenaliram story in Hindi-तेनालीराम ने पूरी की इच्छा

सोलहवीं सदी में दक्षिण भारत के विजयनगर साम्राज्य में राजा कृष्णदेवराय के दरबार में तेनालीराम हुआ करते थे। वे राजा के प्रिय पात्र थे, इसलिए बहुत से दरबारी उनसे खार खाए रहते थे, उनसे ईर्ष्या रखते थे।

tenaliram story in hindi

एक बार राजा की एक अंगूठी महल में ही कहीं खो गयी, जो कि राजा को बहुत प्रिय थी। राजा की खोई हुई अंगूठी को एक सफाईकर्मी ने ढूंढ लिया और राजा को लौटा दिया। राजा अंगूठी देखकर बहुत खुश हुआ और उसने सफाईकर्मी को मुंहमांगा इनाम देने की बात कही। सफाईकर्मी को उस समय कुछ सुझा नहीं कि क्या मांगे ? तो उसने राजा से अगले दिन सोचकर अपनी इच्छा बताने का समय माँग लिया।

तेनालीराम के रोचक किस्से: तेनालीराम ने स्वीकार की विद्वान की चुनौती

जब राज्य के सेनापति, जो तेनालीराम से बहुत ईर्ष्या करता था, को यह पता चला तो उसने धन और धमकी देकर सफाईकर्मी को राजी कर लिया कि वह राजा से इनाम में तेनालीराम की पीठ पर चढ़कर बाजार में घूमने की इच्छा जताए।

अगले दिन दरबार में जब राजा ने सफाईकर्मी से उससे अपनी इच्छा बताने को कहा तो उसने सेनापति के समझाए अनुसार तेनालीराम की पीठ पर चढ़कर बाज़ार घूमने की इच्छा को इनाम स्वरुप राजा से पूरी करने को कहा। अब उसकी इस इच्छा को सुनकर राजा असमंजस में पड़ गए। और तेनालीराम की तरफ देखने लगे। अब क्योंकि राजा वचन दे चुके थे तो इसलिए तेनालीराम ने उनकी मनोस्थिति समझते हुए अपनी सहमति दे दी और राजा से कहा कि वो सफाईकर्मी की इच्छा को कल पूरा करेगा।

Tenaliram Story in Hindi – तेनालीराम के घर में चोर 

अगले दिन जब दरबार लगा तो तेनालीराम ने उस सफाईकर्मी से कहा ‘आओ, तुम्हारी इच्छानुसार मैं तुम्हे अपनी पीठ पर चढ़ाकर बाजार घुमा लाऊं।’ ऐसा कहकर वे झुक गए। सफाईकर्मी उनके पास आया और उनकी गर्दन पकड़कर पीठ पर चढ़ने लगा। तेनालीराम ने कहा,“सावधान, तुमने पीठ पर चढ़ने की बात कही थी, गर्दन पकड़ने की नहीं।”

सफाईकर्मी रुआंसा होकर बोला, “बिना गर्दन पकडे मैं पीठ पर कैसे चढ़ सकता हूँ?”

तेनाली कड़ककर बोले, “यह तो तुम उनसे पूछो, जिन्होंने तुम्हे ये विचार दिया।”

यह सुनकर सफाईकर्मी घबरा गया और उसने रोते रोते सेनापति द्वारा डराने-धमकाने की पूरी कहानी राजा को बता दी। राजा ने सेनापति को उसके इस कृत्य के लिए कड़ी सजा दी। और इस तरह तेनालीराम अपनी सूझ-बूझ से बड़ी आसानी से ना सिर्फ अपनी मुसीबत से बाहर आ गए बल्कि सेनापति को सज़ा भी दिलाई।

More Moral Hindi Stories:

1. एक सच्ची Motivational कहानी
2. अकबर बीरबल की कहानी – बच्चों को धैर्य से समझाएं
3. गुस्सा आने पर हम चिल्लाते क्यों है? 
4. ईर्ष्या – खुद के लिए ही नुकसानदायक 
5. सूफी संत राबिया – जहाँ प्रेम है वहां नफरत के लिए कोई जगह नहीं 


हमारा कोई article पसंद आने पर अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
facebook page like करने के लिए यहाँ click करें – https://www.facebook.com/hindierablog/
Keywords – hindi story, inspirational story, short story, tenaliram, tenaliram story in hindi, तेनालीराम, tenaliram ke rochak kisse

टिप्पणियाँ