• Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • Home
  • Fraud Alert
  • Make Money
  • Stories
  • Quotes
  • Knowledge
  • MyC
  • Guest Post
  • Privacy Policy

Hindi Era... Hindi Hai Hum

Best Hindi blog

Srinivasa Ramanujan Iyenger Biography and other facts

by 2 Comments

Srinivasa Ramanujan Iyenger Biography and other facts

श्रीनिवास रामानुजन् इयंगर –

जीवन परिचय:

जन्म – 22 दिसम्बर 1887                 जन्मस्थल – इरोड, तमिलनाडु

मृत्यु – 26 अप्रैल 1920                     मृत्युस्थल – कुंभकोणम, तमिलनाडु

श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 22 दिसम्बर 1887 को कोयम्बटूर के इरोड, मद्रास (अब तमिलनाडु) नामक छोटे से कस्बे में एक पारम्परिक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता एक साडी की दुकान पर काम करते थे और माता घरेलु महिला थीं। दिसम्बर 1889 में उनके कस्बे में smallpox फ़ैल गया, जिसमे कई लोगों की जान चली गई। श्रीनिवास रामानुजन भी इसके चपेट में आ गए, लेकिन उनकी जान बच गई। उस समय उन्हें उनकी माँ के साथ नाना के घर भेज दिया गया।

1892 में श्रीनिवास रामानुजन को स्थानीय स्कूल में एडमिशन कराया गया। कुछ समय बाद उनके नाना की नौकरी चली गई। और इस वजह से श्रीनिवास रामानुजन अपनी माँ के साथ अपने दादा-दादी के पास आ गए। अब उनका यहाँ के स्कूल में एडमिशन करा दिया गया। लेकिन कुछ समय बाद ही इनके दादा की मौत हो गई और श्रीनिवास रामानुजन को फिर से अपने नाना के पास मद्रास लौटना पड़ा। वहां का स्कूल उन्हें पसंद नहीं था, इसलिए स्कूल आने-जाने में आनाकानी करने लगे। और आखिर में 6 महीने बाद ही अपने घर कुंभकोणम में फिर से लौट आए।

यहाँ उन्होंने अपनी स्कूल में बहुत अच्छा perform किया। सिर्फ 10 वर्ष की आयु में ही उन्होंने अपनी primary school बहुत अच्छे scores से पास कर ली। उसके बाद रामानुजन का टाउन हाईस्कूल में एडमिशन करा दिया गया। गणित में रामानुजन की रुचि और उनका ज्ञान इतना अधिक हो गया था कि वो अपने घर में किराये पर रह रहे कॉलेज स्टूडेंट्स को भी गणित के सवाल हल करके दे दिया करते थे।

Srinivasa Ramanujan Iyenger Biography and other facts:

13 वर्ष की उम्र तक तो उन्होंने कई गणितीय थिओरुम्स का विकास कर लिया था। आगे के वर्षों में उन्होंने गणित की कई जटिल किताबों का अध्ययन किया और उन्हें कई academic certificates और awards दिए गए। 16 वर्ष के उम्र में उन्होंने मेट्रिक बहुत ही अच्छे number से पास की और आगे की पढाई के लिए उन्हें scholarship मिल गई। लेकिन सिर्फ गणित में रूचि रखने के कारण रामानुजन अगली कक्षा में गणित को छोड़कर बाकी सभी विषयों में फैल हो गए। जिसके कारण उनकी scholarship बंद हो गई। घर की माली हालत ठीक नहीं होने के कारण उनकी आगे की पढाई बंद करनी पड़ी।

अब रामानुजन ने घर पर ही गणित की ट्यूशन लेनी शुरू की और बही-खातों का भी काम किया। 1907 में उन्होंने प्राइवेट बारहवीं की परीक्षा दी। पर इस बार भी वो असफल रहे और गणित को छोड़कर बाकी सभी विषयों में फैल हो गए।

यहाँ उनकी शिक्षा समाप्त हो गई और उनके संघर्ष का समय शुरू हो गया। इस समय उन्होंने ट्यूशन पढ़ा कर जैसे तैसे अपना खर्च निकाला। जीवन की विपरीत परिस्थितियों में भी गणित के प्रति उनकी दीवानगी में जरा भी परिवर्तन नहीं हुआ। उन्होंने गणित पर अपने शोध को किसी भी हालत में बंद नहीं होने दिया।

1908 में रामानुजन के माता-पिता ने उनका विवाह जानकी से कर दिया। अब ट्यूशन से अपनी आजीविका नहीं चला पाने के कारण उन्होंने मद्रास का रुख किया। पहली बार में उन्हें वहां कोई भी काम नहीं मिला, तबियत अलग से ख़राब रहने लगी, जिस वजह से रामानुजन फिर से घर लौट आए। ठीक होने के बाद फिर से मद्रास पहुंचे और इस बार वहां के जिलाधिकारी श्री रामचंद्र राव से मिले। रामचंद्र राव ने उनकी भरपूर मदद की। उन्ही की मदद से रामानुजन को मद्रास पोर्ट ट्रस्ट में क्लर्क की नौकरी मिल गई। इससे उनका जीवन यापन अच्छे से होने लगा। इस नौकरी में ज्यादा बोझ न होने के कारण वो अपने गणितीय शोध को भी पूरा समय दे पा रहे थे।

Srinivasa Ramanujan Iyenger Biography and other facts

मद्रास university के journals में उन्होंने अपने शोध छापे, यहाँ से उनको कुछ नाम भी मिलने लगा। अपने कुछ दोस्तों और चाहने वालों की मदद से उन्होंने अपने शोध Cambridge University के गणितज्ञ को भेजें। वहाँ के दो professors H.F. Baker और E.W. Hobson ने रामानुजन के शोध पत्र को बिना किसी comment के ही वापस भेज दिए। लेकिन एक professor G.H. Hardy, जो की खुद बहुत बड़े गणितज्ञ थे, ने कुछ संशय के बाद रामानुजन की प्रतिभा का लोहा मान लिया।

Professor G.H. Hardy ने रामानुजन के साथ पत्र व्यव्हार आरंभ किया और रामानुजन को इंग्लैण्ड आने का निमंत्रण दिया। लेकिन रामानुजन ने कुछ व्यक्तिगत कारणों से इंग्लैंड जाने से मना कर दिया। Professor G.H. Hardy ने रामानुजन को England आने के लिए काफी समझाया और फिर अपने व्यक्तिगत प्रयासों से उन्हें England बुलाने का सारा प्रबंध किया।

17 मार्च 1914 को रामानुजन मद्रास से England के लिए रवाना हुए और 14 अप्रैल को England पहुँच गए। वहाँ पहुँचते ही उन्होंने professor G.H. Hardy के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया। उनकी इस यात्रा ने उनके जीवन को पूरी तरह से बदल दिया। उनकी पुरानी सभी असफलताएं और परेशानियाँ कहीं पीछे छूट गई। यहाँ उन्होंने G.H. Hardy के साथ उच्च कोटि के शोध पत्र जारी किए।

Srinivasa Ramanujan Iyenger Biography and other facts

मार्च 1916 में रामानुजन को highly composite numbers पर उनके शोध के लिए bachelor of science(इस degree का नाम बाद में बदलकर PhD रखा गया) की degree दी गई। 6 December 1917 को उन्हें London Mathematical Society के लिए चुना गया। 28 फ़रवरी 1918 को उन्हें royal society के सदस्यता के लिए नामित किया गया। 31 वर्ष की उम्र में रामानुजन royal society के youngest सदस्य थे। 13 अक्टूबर 1918 को  Elliptic functions और Theory of Numbers पर उनके काम के लिए Fellow of Trinity College, Cambridge के लिए नामित किया। इस सम्मान को पाने वाले वह पहले भारतीय थे।

अपने पूरे जीवनकाल में रामानुजन अयंगर बिमारियों से झूझते रहे। England में भी उन्हें बीमारियों ने घेर लिया। वह वहां अक्सर बीमार रहने लगे। डॉक्टरों ने उनमे क्षय रोग के लक्षण पायें। उस समय इस रोग का पूर्ण इलाज उपलब्ध नहीं था इसलिए डॉक्टरों ने उन्हें complete bed rest की सलाह दी। पर रामानुजन बीमारी की हालत में भी अपने गणितीय शोधों पर काम करते रहे। जिससे उनकी तबियत और बिगडती गई और अंततः 27 फ़रवरी 1919 को वो भारत लौटने के लिए England से रवाना हो गए।

यहाँ आकर भी उनकी तबियत में कोई सुधार नहीं हुआ। गणित के प्रति अपनी दीवानगी के चलते उन्होंने डॉक्टरों की सलाह की अनदेखी की और अपने शोधों पर लगातार काम करते रहे। अंततः 26 अप्रैल 1920 को 33 वर्ष की अल्पायु में एक महान गणितिज्ञ इस दुनिया को अलविदा कह गया। उनकी धर्मपत्नी जानकी अम्मल का निधन 1994 में 95 वर्ष की उम्र में हुआ।

रामानुजन एक धार्मिक और आध्यात्मिक व्यक्ति थे और अक्सर कहा करते थे, “मेरे लिए किसी equation का तब तक कोई मतलब नहीं है जब तक कि वह ईश्वर के विचार को व्यक्त न करे।”

Hardy – Ramanujan Number 1729:

Number 1729 को Hardy – Ramanujan number से जाना जाता है। इससे जुडी एक घटना यूँ है कि एक बार रामानुजन की तबियत बहुत ख़राब हुई तो उन्हें अस्पताल में admit कर दिया गया। Professor Hardy को जब इसका पता चला तो वो उनसे मिलने के लिए हॉस्पिटल पहुँच गए। वहाँ पहुंचकर उन्होंने रामानुजन से कहा, मैं आज तुम्हे मिलने के लिए 1729 number की टैक्सी में आया हूँ। मुझे ये number बड़ा ही dull से लग रहा है और मैं ये आशा करता हूँ की ये number कहीं अपशकुनी ना हो। ये सुनकर रामानुजन कहने लगे, professor hardy ये number dull नहीं बल्कि बहुत interesting है। “1729 ऐसी सबसे छोटी संख्या है जिसे हम दो घन संख्याओं के जोड़ से दो प्रकार से व्यक्त कर सकते हैं।”

1729     =      123 + 13     =    103 + 93

तभी से इस और इस जैसे दूसरे numbers को Hardy – Ramanujan number कहा जाने लगा।

श्रीनिवास रामानुजन् इयंगर एक महान गणितिज्ञ थे। उन्होंने अपने जीवनकाल में गणित की 3884 प्रमेयों को संकलन किया। उनकी लगभग सभी प्रमेयों को सत्यापित किया जा चुका है और कुछ पर अभी भी शोध चल रहा है। रामानुजन से प्रभावित गणित के क्षेत्रों में हो रहे काम को प्रकाशित करने के लिए The Ramanujan Journal की स्थापना भी की गई है।

श्रीनिवास रामानुजन् इयंगर की याद में भारत सरकार ने उनकी 125वीं जयंती के उपलक्ष में वर्ष 2012 को “राष्ट्रीय गणित वर्ष” के रूप में मनाया और 22 दिसम्बर को “राष्ट्रीय गणित दिवस” घोषित किया।

उम्मीद है हमारे “राष्ट्रीय गणित दिवस” से पहले श्रीनिवास रामानुजन् इयंगर के बारे में जानकारी देने वाला ये लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आप रामानुजन के बारे में कोई और जानकारी share करना चाहें या अपना कोई व्यू देना चाहें तो comment section के जरिये हमें जरूर इससे अवगत करायें। लेख पसंद आने पर इसे Google+, facebook, twitter और दूसरे social platform पर अपने मित्रों के साथ share जरूर करें।

जानकारी बढ़ाते कुछ और लेख:

  1. हमारे गणतंत्र दिवस के बारे में जानकारी 
  2. Karl Benz – पहले automobile vehicle के inventor
  3. Galileo Galilei : Biography, Inventions and other facts
  4. Muhammad Ali (मुहम्मद अली)- A Great Boxer
  5. क्या आप जानते हैं?
  6. “16 December 1971 VIJAY DIWAS”: क्या आपको याद है!!!

हमारा कोई article पसंद आने पर अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
facebook page like करने के लिए यहाँ click करें – https://www.facebook.com/hindierablog/
Keywords – Srinivasa Ramanujan Iyenger Biography and other facts, Hardy Ramanujan Number 1729, श्रीनिवास रामानुजन, श्रीनिवास रामानुजन इतिहास, 22 दिसम्बर का इतिहास, श्रीनिवास रामानुजन एक महान गणितिज्ञ .

Get latest updates in your inbox. (It’s Free)

Filed Under: Knowledge, Motivation Tagged With: Srinivasa Ramanujan Iyenger, श्रीनिवास रामानुजन

Reader Interactions

Comments

  1. JAMSHED AZMI says

    December 19, 2016 at 9:21 am

    श्रीनिवास रामानुजम अयंगर के बारे में बहुत ही बेहतरीन और संपूर्ण जानकारी देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्‍यवाद। आपकी पोस्‍ट बहुत ही ज्ञानवर्धक है।

    Reply
    • hindiera says

      December 19, 2016 at 4:33 pm

      Shukriya Jamshed ji

      Reply

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Latest Post

  • Web 3.0 Kya hai, Web 3.0 Crypto, Web 3.0 Meaning in Hindi
  • 1 Best Success Tip – Keep Struggling | संघर्ष से सफलता
  • 1 Short Hindi Story for kids – अपनी पहचान कभी मत भूलो
  • Inspiring Hindi Story (हिंदी कहानी)- Friendship
  • Powerful Short Hindi Kahani – भगवान और इंसान
  • 4 best steps to increase sales in Network Marketing?
  • क्या राशन कार्ड ऑनलाइन पाना है, सुरक्षित और भरोसेमंद?
  • 30 Motivational Quotes in Hindi – 30 प्रेरक विचार सुखमय जीवन के लिए
  • हिंदी साहित्यकार महादेवी वर्मा जी की कविताएं और कुछ तथ्य
  • महारानी पद्मावती का दिलचस्प है इतिहास- Rani Padmavati history in Hindi

Categories

  • Fraud Alert
  • Health tips
  • Hindi Moral Stories
  • Hindi Quotes
  • Introduction
  • Knowledge
  • Law of Attraction
  • Make Money
  • Motivation
  • Parenting tips
  • Personal development
  • Save Girl Child
  • Stress free life
  • Success tips
  • Wishes
  • Zindagi

Featured Posts

Best Story in Hindi (एक छोटी से अच्छी कहानी) – गधा और मज़ार

How to be Successful in Life | Tips for Success | सफलता की चाबी

The Silent Scream (गूंगी चीख) – एक अजन्मे बच्चे की दास्ताँ

How to get Success in Life | सफलता का रहस्य

Listening Skills को कैसे सुधारें? How to Improve Listening Skills

4 Best Tips for How to Reduce Stress ? तनाव से मुक्ति

Saint Francis संत का ज्ञान: मोह या आसक्ति रखना उचित नहीं

8 Powerful New Year Resolution | नए साल के संकल्प:

Best Tips on How to Solve problems in life? Law of Seed

New Year starting thought | नव वर्ष की शुरुआत:

Footer

Technically supported by: BccFalna.com

Copyright © 2016 - 2017 to HindiEra.com

Go to mobile version