• Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • Home
  • Fraud Alert
  • Make Money
  • Stories
  • Quotes
  • Knowledge
  • MyC
  • Guest Post
  • Privacy Policy

Hindi Era... Hindi Hai Hum

Best Hindi blog

बेटी बचाओ अभियान (Save Girl Child) :एक सार्थक कोशिश

by 5 Comments

Save Girl Child (बेटी बचाओ अभियान)

बेटी बचाओ अभियान

जब कभी बेटी बचाओ अभियान के बारे में सुनता – पढ़ता हूँ तो अभी हाल में मेरे साथ हुई दो घटनाएँ आँखों में तैर जाती हैं। ये घटनाएँ इस अभियान के शुरू होने से पहले की हैं। पहली घटना एक hospital में हुई और दूसरी मेरे office के बाहर।

बेटी बचाओ अभियान – Hospital Staff का नजरिया :

मैं अपनी बड़ी बेटी का एक test कराने के लिए hospital गया था। counter के पास बैठा अपनी बारी का इंतज़ार कर रहा था कि hospital के अन्दर से एक young age, पढ़ा-लिखा से दिखने वाला व्यक्ति, बहुत ही उदास सा चेहरा लिए counter पर पहुंचा। उसे देखकर मेरा जो first impression था वो यही था कि लगता है इसके साथ कुछ दुखद घटा है। उस व्यक्ति के पीछे-पीछे hospital का एक कर्मचारी और एक nurse भी counter पर पहुँच गए और उसे बधाई देने लगे। उस बधाई पर आदमी की तरफ से कोई response भी नहीं आ रहा था।

मैं भी हतप्रभ था कि ये चक्कर क्या है? यह आदमी तो बड़ा ही उदास सा नज़र आ रहा है और hospital वाले उसे बधाई दे रहे हैं। तभी वो nurse बोल पड़ी, अरे आपको बेटी हुई है आपको तो खुश होना चाहिए पर बिना कोई response दिए वो आदमी counter पर पैसे जमा करा कर वहां से चला गया। मुझे उस आदमी की सोच पर बड़ा ही तरस आया। देखने में पढ़ा-लिखा, अच्छे घर का नज़र आ रहा था पर वो दकियानूसी सोच का शिकार होने के कारण बेटी होने पर खुश होने के बजाय लटकाया हुआ चेहरा लेकर घूम रहा था।

  • पढ़िए एक बच्ची के गर्भपात की भयंकर सच्चाई – गूंगी चीख – The Silent Scream

ये घटना यहाँ खत्म नहीं हुई। मेरी अचरज का दायरा और बढ़ गया जब मैंने counter पर खड़े hospital के उन कर्मचारियो की आगे की बाते सुनी। counter पर बैठी महिला ने nurse से पुछा, इस आदमी के पहले भी कोई बच्चा है क्या? nurse ने जवाब दिया, नहीं ये इसका पहला ही बच्चा है। तो counter पर बैठी उस भद्र महिला ने टिपण्णी की “क्या? पहला बच्चा बेटी हुई तो उस पर ये दुखी हो रहा है!!! कैसा पागल है!!! हाँ अगर पहले से बेटी होती और फिर दुबारा बेटी हो जाती तो दुखी होना ठीक भी था।” उस nurse ने भी सहमती में अपना सिर हिला दिया और वहाँ से चली गयी। पर मुझे इन लोगों ने सोचने पर मजबूर कर दिया कि hospital में काम करने वाली दो महिलाओं की सोच यह है कि पहली बच्ची पैदा होने पर दुखी होना बेवकूफी है पर दूसरी भी अगर बच्ची पैदा हो जाये तो दुखी होना ठीक है।

अगर पढ़ी-लिखी महिलाएं भी ऐसी सोच रखेंगी तो क्या बेटी बचाओ अभियान भी बेटियों को बचा पायेगा? ये सवाल मेरे मन को कहीं ना कहीं कचोट रहा था।

बेटी बचाओ अभियान – गाँव के एक बुजुर्ग का नजरिया :

एक दिन मैं अपने office के बाहर सीढियों पर बैठकर धूप का आनंद ले रहा था। तभी हमारा एक सफाई कर्मचारी जो कि उम्र में काफी बुजुर्ग है, मेरे पास आकर बैठ गया। थोड़ी देर आराम करने के बाद वो मुझसे घर परिवार की बातें करने लगा। उसने मुझसे पुछा, “साहब, कितने बच्चे हैं आपके?” मैंने कहा, “दो बच्चे हैं।” उसने कहा, “एक लड़का और एक लड़की होंगे।” मैंने कहा, “नहीं, दोनों लड़कियां हैं।” अब वो अफ़सोस जाहिर करने लगा और बोला, “अरे साहब, दोनों लड़कियां हैं। चलो इस बार हम भगवान् से प्रार्थना करेंगे कि आपको लड़का ही हो।”

मैंने कहा, “लेकिन बा (हमारे यहाँ बुजुर्ग व्यक्ति के लिए आदरसूचक संबोधन है) मेरा तो तीसरे बच्चे का कोई इरादा नहीं है।” तो वो कहने लगा अरे साहब कैसी बात कर रहे हैं, लड़का होना तो बहुत जरूरी है घर में। आखिर खानदान को वही बढ़ाएगा और बुढ़ापे में सहारा भी तो वही होगा ना। मैंने कहा बा मेरा खानदान बहुत लम्बा चौड़ा है तो इसे आगे बढ़ाने का बोझ मैंने अपने सिर पर नहीं ले रखा और जहाँ तक बुढ़ापे का सहारा है तो एक बात बताओ आपके कितने बच्चे हैं? उसने कहा, “मेरे चार बच्चे हैं।” मैंने थोडा व्यंग्य किया,“चारों लड़के होंगे।” वो बोला,“नहीं-नहीं साहब, तीन लडकियाँ हैं और एक लड़का” मैंने पूछा कौन क्या करता है? वो बताने लगा कि साहब तीनों लड़कियों की तो शादी कर दी हैं। अपने-अपने घर में तीनों खुश हैं और लड़का तो साहब पिछले साल एक road accident में खत्म हो गया।

मैंने बच्चे की मौत पर अफ़सोस जाहिर किया और पुछा लड़का कितने साल का था? “साहब 19 साल का था वो जब उसकी मौत हुई। घर में सबसे छोटा था।” उसने दुखी मन से जवाब दिया।

मैंने कहा बा एक बात बताओ तुम्हारे तो एक लड़का था, उसको तुमने 19 साल तक पाल-पोष कर बड़ा किया पर भगवान ने उसको अपने पास बुला लिया तो अब कैसे तुम्हारा खानदान आगे बढेगा और कौन तुम्हारे बुढ़ापे का सहारा बनेगा? वो बोला, “अरे साहब, ये तो भगवान की मर्जी थी, इस पर तो किसका क्या जोर” मैंने कहा, “बा ये भी भगवान की ही मर्जी है। भगवान को पहले से ही पता था कि मेरा दो बच्चों का ही इरादा है फिर भी उसने मुझे कथित बुढ़ापे का सहारा नहीं दिया बल्कि बेटियां दी। इसका मतलब वो यही चाहता है कि मैं अपनी दोनों बच्चियों को अच्छे से पाल-पोष कर बड़ा करूँ, उन्हें अच्छी शिक्षा दूँ और उन्हें इस लायक बनाऊ कि वो अपने पैरों पर खड़ी हो सकें।” पर मेरी बात बा को समझ नहीं आई और वो वहां से उठ कर ये कहता हुआ चला गया कि साहब घर में एक लड़का होना तो बहुत जरूरी है।

लड़के की ऐसी चाहत ही हमारे देश के प्रधानमंत्री को “बेटी बचाव अभियान” शुरू करने की जरूरत महसूस कराती है।

आज देश के हर नागरिक तक ये संदेश पहुँचाना बहुत जरूरी है कि अगर सभी लोग लड़के की चाहत लिए बेटियों को दुनिया में आने से रोकते रहेंगे तो एक दिन उन्हें अपना खानदान बढ़ाने के लिए बेटियां ही नहीं मिलेंगी और ये स्थिति भविष्य में पैदा होने वाली नहीं बल्कि वर्तमान में पैदा हो चुकी है। आज ऐसे बहुत सारे समाज, गाँव हैं जहाँ बेटियां नहीं होने से लड़कों की शादी नहीं हो पा रही है। अभी भी अगर हम लोग नहीं संभले तो ये स्थिति और भयावह हो जाएगी और सिर्फ अपने खानदान की सोचने वाले अनजाने ही पूरी generation को निगल जायेंगे।

हमारा कोई article पसंद आने पर अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
facebook page like करने के लिए यहाँ click करें – https://www.facebook.com/hindierablog/
Keywords – save girl child, बेटी बचाओ अभियान,
Get latest updates in your inbox. (It’s Free)

Filed Under: Save Girl Child Tagged With: save girl child, बेटी बचाओ अभियान

Reader Interactions

Comments

  1. Devendra Sharma says

    June 25, 2015 at 10:41 am

    यह सचमुच बड़े ही दुःख की बात है कि समाज को चलाने वाली बेटियों के लिए बचाव अभियान चलाने पड़ते हैं। हमारे समाज के लोगों की सोच पर बहुत अच्छा आर्टिकल लिखा है आदिल जी आपने।

    Reply
  2. Manish Tiwari says

    March 1, 2015 at 11:42 am

    apke sare lekh mujhe prerit karate hain.

    Reply
    • admin says

      March 1, 2015 at 1:40 pm

      Thank you Manish Ji, अपने जीवन के अनुभवों को साझा करने की कोशिश है मेरी ये website. आप ऐसे ही पढ़ते रहें और अपने comment भी जरूर देते रहें.

      Reply
  3. Anonymous says

    February 26, 2015 at 11:33 am

    bookmarked!!, I really like your website!

    ʟook аt mу website; tert htyt

    Reply
    • admin says

      February 26, 2015 at 4:57 pm

      Thank you dear….

      Reply

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Latest Post

  • Web 3.0 Kya hai, Web 3.0 Crypto, Web 3.0 Meaning in Hindi
  • 1 Best Success Tip – Keep Struggling | संघर्ष से सफलता
  • 1 Short Hindi Story for kids – अपनी पहचान कभी मत भूलो
  • Inspiring Hindi Story (हिंदी कहानी)- Friendship
  • Powerful Short Hindi Kahani – भगवान और इंसान
  • 4 best steps to increase sales in Network Marketing?
  • क्या राशन कार्ड ऑनलाइन पाना है, सुरक्षित और भरोसेमंद?
  • 30 Motivational Quotes in Hindi – 30 प्रेरक विचार सुखमय जीवन के लिए
  • हिंदी साहित्यकार महादेवी वर्मा जी की कविताएं और कुछ तथ्य
  • महारानी पद्मावती का दिलचस्प है इतिहास- Rani Padmavati history in Hindi

Categories

  • Fraud Alert
  • Health tips
  • Hindi Moral Stories
  • Hindi Quotes
  • Introduction
  • Knowledge
  • Law of Attraction
  • Make Money
  • Motivation
  • Parenting tips
  • Personal development
  • Save Girl Child
  • Stress free life
  • Success tips
  • Wishes
  • Zindagi

Featured Posts

Best Story in Hindi (एक छोटी से अच्छी कहानी) – गधा और मज़ार

How to be Successful in Life | Tips for Success | सफलता की चाबी

The Silent Scream (गूंगी चीख) – एक अजन्मे बच्चे की दास्ताँ

How to get Success in Life | सफलता का रहस्य

Listening Skills को कैसे सुधारें? How to Improve Listening Skills

4 Best Tips for How to Reduce Stress ? तनाव से मुक्ति

Saint Francis संत का ज्ञान: मोह या आसक्ति रखना उचित नहीं

8 Powerful New Year Resolution | नए साल के संकल्प:

Best Tips on How to Solve problems in life? Law of Seed

New Year starting thought | नव वर्ष की शुरुआत:

Footer

Technically supported by: BccFalna.com

Copyright © 2016 - 2017 to HindiEra.com

Go to mobile version